स्वतंत्रता दिवस हिंदी शायरी में
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
दे सलामी इस तिरंगे को, जिससे तेरी शान है,सिर हमेशा ऊंचा रखना इसका, जब तक दिल में जान है !
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
दे सलामी इस तिरंगे को, जिससे तेरी शान है,सिर हमेशा ऊंचा रखना इसका, जब तक दिल में जान है !