बेस्ट दर्द शायरी इन हिंदी में
गुजर जाता है पूरा दिन दिखाने की हंसी में
रात होते ही रो पढ़ते हैं खुद के बदनसीब पे
जख्म ही देना था तो पूरा जिस्म तेरे हवाले था,
लेकिन कम्बख़त ने जब भी वार किया, दिल पर ही किया
गुजर जाता है पूरा दिन दिखाने की हंसी में
रात होते ही रो पढ़ते हैं खुद के बदनसीब पे
जख्म ही देना था तो पूरा जिस्म तेरे हवाले था,
लेकिन कम्बख़त ने जब भी वार किया, दिल पर ही किया