ना मिलता ग़म तो बर्बादी के अफसाने कहाँ जाते,
चमन होती अगर दुनिया… तो वीराने कहाँ जाते,
चलो अच्छा हुआ अपनों में कोई ग़ैर तो निकला,
सभी होते अगर अपने ही तो बेगाने कहाँ जाते!
ना मिलता ग़म तो बर्बादी के अफसाने कहाँ जाते,
चमन होती अगर दुनिया… तो वीराने कहाँ जाते,
चलो अच्छा हुआ अपनों में कोई ग़ैर तो निकला,
सभी होते अगर अपने ही तो बेगाने कहाँ जाते!